मुख्य जानकारी
Central GST CGST IGST Bill
सीजीएसटी और आईजीएसटी समेत जीएसटी से जुड़े चार अहम बिलों को अपनी मंजूरी दे दी है। केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 29 /03/2017 को लोकसभा में जीएसटी से जुड़े चार बिलो को लिए पेश किया। इनमें केंद्रीय वस्तु (CGST) एवं सेवा कर विधेयक 2017 यानी सी-जीएसटी , एकीकृत वस्तु एवं सेवा कर विधेयक यानी आई जीएसटी (GST), संघ राज्य क्षेत्र वस्तु एवं सेवाकर विधेयक 2017 यानी यूटी-जीएसटी (UT-GST)और वस्तु एवं सेवाकर यानी मुआवजे से जुडा विधेयक शामिल हैं।
लोकसभा में GST बिल पेश
GST-CGST-UTGST BILL सरकार ने लोकसभा में चर्चा हेतु अपने सांसदों के लिए व्हिप जारी किया था। विधेयकों पर लगभग आठ घंटे चली लम्बी चर्चा का जवाब देते हुए वित्त मंत्री जेटली ने कहा कि वस्तु और सेवा कर के तहत नई कर व्यवस्था मौजूदा अप्रत्यक्ष कर व्यवस्था का स्थान लेगी और यह नयी संघीय व्यवस्था में काम करेगी।
GST काउंसिल
GST-CGST-UTGST BILL :-जीएसटी काउंसिल में देश के 29 राज्य, 2 यूनियन टेरिटॉरीज और 1 केन्द्र कुल 32 राज्यों का प्रतिनिधित्व रहेगा। इन राज्यों के जो वित्तमंत्री होंगे वो उसके काउंसिल के सदस्य होंगे और जीएसटी काउंसिल को यह अधिकार दिया गया है की किस्त का टैक्स का ढांचा किस तरह होना चाहिए, टैक्स की प्रणाली किस प्रकार होगी, और टैक्स की व्यवस्था किस तरह होगी |
(CGST) केंद्रीय जीएसटी केंद्र सरकार के अधीन काम करेगा, और जीएसटी वस्तुओं और सेवाओं के राज्यो के बिच बस्तुओ का आदान प्रदान के ऊपर काम करेगा जबकि (UT-GST) केंद्र शासित प्रदेश और (GST) जीएसटी विधेयक केंद्र शासित क्षेत्रों में कराधान से संबंधित है। घाटे को पूरा करने के लिए कानून में जीएसटी लागू करने से राज्यों को होने वाले नुकसान की भरपाई केंद्र द्वारा पांच वर्ष तक का प्रावधान है।
GST राज्य विधानसभाओं में पारित
GST-CGST-UTGST BILL :- केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि कर की दरों को मौजूदा स्तर पर रखा जाएगा, ताकि महंगाई न बढ़े। सरकार ने 1 जुलाई 2017 से (GST)वस्तु और सेवा कर लागू करने का लक्ष्य निर्धारित किया है|
एक बार इस विधेयक को संसद की मंजूरी मिल जाएगी, उसके बाद सभी राज्य अपने (GST) जी एस टी विधेयकों को अपनी-अपनी विधानसभाओं में पारित कराएंगे।
भारतीय जनता पार्टी ने इस विधेयक को क्रांतिकारी बताते हुए कहा कि इससे एक राष्ट्र एक कर की व्यवस्था आएगी। उन्होंने कहा कि नई कर व्यवस्था के लागू होने के बाद वस्तुओं की कीमतें कम होंगी। इसके लागू होने पर केन्द्रीय स्तर पर लगने वाले उत्पाद शुल्क, सेवाकर और राज्यों में लगने वाले वैट सहित कई अन्य कर इसमें शामिल हो जायेंगे।
इससे न केवल सामानों की कीमत कम होगी जिससे महंगाई कम होगी बल्कि व्यापारियों को भी काफी सुविधा होगी । पीएम मोदी ने बिल पास होने पर सभी देशवासियों को बधाई देते हुए ट्वीट किया नया साल, नया कानून, नया भारत।
जीएसटी की दरें:
Honble pradhan mantriji
Humble request kindly srop online medicine as well kindly reduce tax on medicinebecause poor illetrate patients cant afford to pay.Instead pharma company who fix more MRP ould be taxed and punished.
Ii is 100 percent profitable business is running private school , Arts & science college , Engineering college. Medical college as well Deemed university.Where students capitation stats from thousands to lakhs .UGC AICTE Medical counil provides Grant to such colleges for infrastructure development .Inspite of it they get capitation fee apart from this teaching faculties are not paid brcause no fixation of pay to private faculty by govt. Even they follow billing system done for fixed norm for remaining without bill.
kindly provide solution for poor children to get seat in such places as well pau scale regulation of private school college teachers.Even salary register such duality is followed by them.
Govt should undertake Education aa well hospital ,meficines for the sake of poor