Application form Niryat Rin Vikas Yojana Registration | निर्यात ऋण विकास योजना 

Niryat Rin Vikas Yojana

Application form Niryat Rin Vikas Yojana Registration

Application form Niryat Rin Vikas Yojana Registration :- दोस्तों आप को जान कर खुसी होगी की भारत सरकार ने ‘निर्यात ऋण विकास योजना’ Niryat Rin Vikas Yojana शुरू की है। इस योजना के तहत सरकार निर्यातकों को ऋण प्रदान करेगी। इस योजना को एक्सपोर्ट क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन (ECGC) ऑफ इंडिया ने शुरू किया है। किया है। Niryat Rin योजना के तहत केंद्रीय सरकार निर्यातकों को आसान ऋण देगी। सरकार द्वारा चलाई जा रही इस योजना के तहत 90% मूल राशि और ब्याज दरों को कवर करेगी।

निर्यात ऋण विकास योजना 

दोस्तों आप को बात दे की किसी प्रकार निर्यातकों के बैंक खाते के नुकसान होता है तो सरकार ईसीजीसी द्वारा बैंकों को मुआवजा भी देगी। साथ में केंद्र सरकार ने यह भी फैसला लिया है की वह 80 करोड़ रुपये से कम की बकाया सीमा वाले जितने भी छोटे निर्यातक हैं उन्हें बीमा प्रीमियम दरों को घटाकर 0।6 प्रतिशत कर देगा। इस योजना का फैसला कैबिनेट मीटिंग में लिया था।

दोस्तों आप को बता दे की सरकार ने इस कैबिनेट मेटिंग में बहुत से फैसले लिए हैं जो बैंक उधार देते हैं उन बैंकों को नुकसान के दावे के लॉज की तारीख से 30 दिनों के भीतर 50% मिलेगा। सरकार ने यह फैसला भी लिया है की 31 मार्च 2018 तक सभी छोटे उधारकर्ताओं का जिनका 80% से कम का बकाया निर्यात ऋण था उन्हें अब 0.60% प्रीमियम का भुगतान करना होगा, जो कि पहले के प्रीमियम से 0.72% से कम है।

Objective Niryat Rin Vikas Yojana

1. दोस्तों आप को बता दे की एक्सपोर्ट क्रेडिट इंश्योरेंस स्कीम के अंतर्गत 30 दिनों के भीतर 50% तक के भुगतान के निपटान के लिए एक सरल प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
2. इसके लिए निर्यातकों को बीमित बैंक द्वारा डिफ़ॉल्ट रूप से अग्रिमों के उपयोग के प्रमाण का उत्पादन करना होगा।

3. एक्सपोर्ट क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन समर्थन 5 साल की अवधि के लिए लागू होने वाला है और अंत में, मानक ECGC कवर   नियमित सुविधाओं के साथ बैंकों के लिए उपलब्ध कराया जाएगा।

4. एक्सपोर्ट क्रेडिट गारंटी कॉरपोरेशन ने 10 करोड़ रु तक के दावों पर निरीक्षण बंद कर दिया।
ईसीजीसी बोर्ड द्वारा अनुमोदित किया गया है।

5. अब ईसीजीसी अधिकारियों द्वारा बैंक दस्तावेजों और अभिलेखों का निरीक्षण 10 करोड़ रुपये से अधिक के घाटे के लिए   अनिवार्य होगा। वर्तमान में दावों के निपटान की सीमा एक करोड़ रुपये है।

6. अधिकतम 2 तिमाहियों या NPA की तारीख के लिए अप्रत्यक्ष ब्याज के साथ मूल बकाया को शामिल करने के लिए कवरेज का दायरा बढ़ाया जाता है।

7. यह प्रस्तावित बीमा कवर पूंजीगत राहत और प्रावधान की कम आवश्यकता के कारण ऋण की लागत लाने वाला है।

 

दोस्तों यदि आप को इस योजना के बारे में और अधिक जानकारी चाहिए तो निचे कमेंट बॉक्स में कमेंट कर दे।
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