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मुख्य जानकारी
Gorakhpur Metro
उत्तरप्रदेश में योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनते ही गोरखपुर में मेट्रो को सौगात दे दी / योगी आदित्य नाथ जी ने कहा हे की जल्द ही गोरखपुर में Gorakhpur Metro का शिलान्यास कर दिया जायेगा और जल्दी से कार्य शुरू कर दिया जायेगा|
फिजिकलस्ट्डी
मुख्यमंत्री के गोरखपुर पहुचने के बाद मुख्यमंत्री ने गोरखपुर के आला अधीकरियो से बात की. इसके लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जल्द ही विशेषज्ञयो की टीम से फिजिकल स्ट्डी करने को कहा| इस स्टडी से पता लगाया जायगा की गोरखपुर में कितनी ट्रेफिक हे और मेट्रो चलाना कितना जरूरी है और शहरी लोगों के लिए कितना फायदा मिलेगा।
इसके आधार पर इस प्रोजेक्ट की तैयारी कराई जाएगी। इस लिया विशेषज्ञयो की टीम से फिजिकल स्ट्डी करने को कहा | जिस से Gorakhpur Metro कितने किलोमाटर और किस किस एरिया में मेट्रो का काम शुरू किया जाए | इस स्टडी के बाद इस प्रोजेक्ट का बजट निर्धारित किया जायेगा |
भाजपा संकल्प पत्र 2017
उत्तरप्रदेश में चुनाबो से पहले भाजपा ने अपने संकल्प पत्र में गोरखपुर व झांसी में मेट्रो चलाने का वादा किया था| इस लिया यह और भी जरूरी हो जाता हे की 2019 लोकसभा से पहले गोरखपुर व झांसी में मेट्रो का कार्य शुरू कर दिया जाए |
कैबिनेट में प्रस्ताव
सरकार के इस बड़े एक्शन से पता चलता हे जल्द ही उत्तर प्रदेश सरकार गोरखपुर में मेट्रो शुरू करने के संबंधी कैबिनेट में मंजूरी के लिए प्रस्ताव जल्द ही प्रस्ताब पेश कर सकती है। उत्तरप्रदेश में लखनऊ के बाद यह दूसरा मेट्रो का तोहफा है
Gorakhpur Metro Details
- गोरखपुर में मेट्रो के लिए 30 किमी के दो कॉरीडोर का खाका खींचा जा चुका था।
- गोरखपुर में मेट्रो के संबंध में अपर मुख्य सचिव ने सर्वे और डीपीआर तैयार करने का निर्देश दिया है।
- केंद्र सरकार की संस्था राइट्स मेट्रो रेल परियोजना का डीपीआर तैयार करेगी।
- गोरखपुर डेवलपमेंट अथॉरिटी (जीडीए) को इस परियोजना का नोडल विभाग बनाया गया है।
- लखनऊ मेट्रो रेल कार्पोरेशन इस परियोजना का समन्वयक होगा।
- शासन का मानना है कि शहर के वर्तमान मार्गों की चौड़ाई बढ़ाने की संभावनाएं बेहद कम हैं।
- ऐसे में सुव्यवस्थित और तीव्र गति से अवरोध विहीन प्रणाली का विकास यहां जरूरी है।
Gorakhpur Metro Rail Budget
डीपीआर पर प्रदेश सरकार नहीं करेगी खर्च
- केंद्र सरकार की मेट्रो रेल नीति के मुताबिक, डीपीआर तैयार किए जाने पर आने वाले खर्च की आधी धनराशि अनुदान के रूप में केंद्र सरकार प्रदान करेगी। बाकी धनराशि गोरखपुर विकास प्राधिकरण को वहन करना होगा।
- किसी वजह से केंद्र सरकार से यदि धनराशि नहीं उपलब्ध हो सकी तो डीपीआर तैयार करने का पूरा खर्च प्राधिकरण को उठाना होगा। प्रदेश सरकर इस पर कोई व्यय नहीं करेगी।
शासन ने जीडीए को भेजा लेटर - उत्तर प्रदेश शासन के आवास एवं शहरी नियोजन विभाग के अपर मुख्य सचिव सदाकांत ने जीडीए के उपाध्यक्ष को लेटर भेजकर सर्वे के संबंध में जानकारी दी है।
- परियोजना के संबंध में पर्यावरण संरक्षण के सभी नियमों व पुरातात्विक नियमों का अनुपालन कराना अनिवार्य होगा।
सीएम के आने पर ही बन गई थी पृष्ठभूमि - सीएम योगी आदित्यनाथ के प्रथम आगमन 25-26 मार्च 2017 पर ही मेट्रो बनाने का खाका मोटे तौर पर खींच लिया गया था।
- विशेषज्ञों ने कुल 30 किलोमीटर के दायरे में दो कॉरीडोर बनाने का सुझाव भी दिया था। इसका प्रस्ताव बनाकर आवास एवं शहरी नियोजन विभाग ने मुख्यमंत्री को भेज भी दिया था।
Gorakhpur Metro Route
इस एरिया से गुजर सकती है मेट्रो
- लखनऊ मेट्रो रेल कार्पोरेशन ने पहला कॉरीडोर कैंपियरगंज मार्ग को जोड़ते हुए श्याम नगर से सूबा बाजार तक बनाने का सुझाव दिया था। जिसकी कुल दूरी 18 किमी है।
- सुझाव के अनुसार, मेट्रो श्याम नगर से चलकर ऍफसीआई, गोरखनाथ मंदिर, गोरखपुर रेलवे स्टेशन, गोरखपुर बस स्टेशन, एयरपोर्ट, मदन मोहन मालवीय यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नोलॉजी होते हुए सूबा बाजार तक जाएगी।
- दूसरा कॉरीडोर ट्रांसपोर्ट नगर से जक्शन इंक्लेव तक बनाया जाना है जिसकी दूरी 12 किमी है.
- यह कॉरीडोर परतावल मार्ग से शुरू होगा जो बीआरडी मेडिकल कालेज, कचहरी बस स्टैंड होते हुए ट्रांसपोर्ट नगर तक जाएगा.
Gorakhpur Metro Agreement
एक महीने बाद इसका एग्रीमेंट कर दिया गया। इस एग्रीमेंट को राईट कम्पनी को दिया गया, जिसके जीएम् प्रेम रंजन कुमार के साथ आज गोरखपुर के कमिश्नर ने एग्रीमेंट किया। इसके साथ ही आज से ही इस पर वर्क शुरू कर दिया जाएगा, और 8 महीने के अंदर इसका डीपीआर बना कर तैयार करना है।
गोरखपुर जीडीए सभागार में आज मेट्रो को लेकर एग्रीमेंट किया गया। इस पर गोरखपुर के कमिश्नर की माने तो मेट्रो को लेकर 26 मार्च को ही मुख्यमंत्री जी ने कह दिया था, ठीक एक महीने बाद ये हो रहा है। आज एग्रीमेंट साइन हुआ है, आज से काम प्रारम्भ कर सकते है, 8 महीने का इन्होने समय माँगा है, जिसमे डीपीआर भी बनायेंगे, और 30 किलोमीटर तक कास्टिंग 4 करोण 15 लाख आएगी, जिसमे 3 करोण 15 लाख डीपीआर बनाने में है, और एक करोण कम्पनियियन मल्टी प्लान बनाने के लिए है। अगर लेंथ बचती है, तो उसी हिसाब से कास्ट भी बढेगा। मै समझता हूँ, की ये बहुत बड़ी उपलब्धि है, क्योकि यहा ट्रांसपोर्ट और ट्रेवलिंग में काफी समय लगता था, और ट्रेफिक भी यहा काफी कांजेस्टेट है, और इस मेट्रो के बंनने से मै समझता हूँ, की सभी को ख़ुशी मिलेगी।
कमिश्नर के साथ इस एग्रीमेंट को साइन करने के दौरान जीएम् प्रेम कुमार रंजन ने बताया की, डीपीआर बनाने का काम हम लोग के संस्था को दिया गया है, डीपीआर बनाने में कई स्टेज होते है, इसमें सबसे पहला होता है, रुट सलेक्शन, और सभी के साथ मिल करके ये रूट तय होगा, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग इस रूट से लाभान्वित होंगे। उसके बाद स्टेशन के लोकेशन डिसाइड करना, और अंडरग्राउंड और ओपन में हर एक किलोमीटर में तक़रीबन स्टेशन प्रवाइड करते है। ताकि किसी भी व्यक्ति को 500 मीटर से ज्यादा मेट्रो में चल कर न आना पड़े। ये स्टेशन कहा पर किस तरफ बने. उसकी कनेक्टिविटी हमारे मौजूदा रेल और बस स्टेशन से कैसे की जाए। इन महत्वपूर्ण बातो को ध्यान रखना है, इस पर भी हम लोग काम करेंगे।
इसके अलावा इसका कास्ट वर्कआउट किया जाएगा। वही इस पुरे मेट्रो के लागत पर अनुमानन 2 से ढाई करोड़ रूपये आता है। साथ ही डीपीआर बनाने में 8 महीने और फिर डीपीआर बनाने के बाद उसका मंत्रालयों में अप्रूवल लेने में तक़रीबन डेढ़ साल लगेगा, फिर जाकर काम शुरू होगा। और तक़रीबन 4 से 5 साल लगेगा इस काम को पूरा करने में।
सूबे के मुखिया आदित्यनाथ ने गोरखपुर को एक बड़ी सौगात देकर अपने वादे को पूरा करते हुए दिखाने की कवायत शुरू कर दी है, और आज से ठीक 8 महीने बाद डीपीआर के तैयार होने के बाद केंद्र से मंजूरी मिलते ही इस पर काम शुरू हो जाएगा, और गोरखपुर के वाशी भी मेट्रो का लुप्त उठा सकेंगे।
15 मई को राइट्स अपने अधिकारी भेजेगा
मई के दूसरे पखवारे से राइट्स के लोग आठ महीने के लिए शहर में डेरा डाल देंगे। जीडीए में तय हुए कार्यालय से राइट्स डीपीआर और सीएमपी तैयार करने का काम आगे बढ़ाएगी। राइट्स के 50 लोग इस काम में लगेंगे। जरूरत पर राइट्स आउटसोर्सिंग पर भी लोगों से काम लेगी।
Gorakhpur Metro Junction & Gorakhpur Metro Bus Stand underground Metro
गोरखपुर जंक्शन और गोरखपुर बस अड्डे को भूमिगत मेट्रो से जोड़ा जाएगा |गोरखपुर रेलवे स्टेशन के पास भूमिगत मेट्रो स्टेशन बनाया जाएगा। इसके लिए ऐसी जगह तलाशी जाएगी जहां से गोरखपुर जंक्शन और रेलवे बस स्टेशन लगभग बराबर दूरी पर हों। पूरे मेट्रो कॉरीडोर में हर एक किलोमीटर पर स्टेशन बनाए जाएंगे। जगह की उपलब्धता के आधार पर इनकी संख्या 28 से 32 हो सकती है।
Gorakhpur Metro Depot
मेट्रो के डिपो के लिए जमीन की व्यवस्था भी बड़ी चुनौती होगी। डिपो के लिए 25 हेक्टेअर जमीन की जरूरत होगी। शहर के भीतर इतनी जमीन मिलनी कठिन है। ऐसे में संभावना है कि मेट्रो ट्रैक के चारों कोनों में से एक पर डिपो निर्माण होगा।
Metro Project in Uttar Pradesh
Jhansi Metro
Kanpur Metro
Agra Metro
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