रेंटल पॉलिसी योजना 2020 | National Urban Rental Housing Policy 2020

national urban rental housing policy

National Urban Rental Housing Policy 2020

National Urban Rental Housing Policy :- शहरी आवासीय क्षेत्रों के लिए केंद्र सरकार जल्द ही  रेंटल पॉलिसी लेकर आ रही हे। केंद्रीय शहरी विकास मंत्री ने सभी राज्यों से इस योजना में उत्साह दिखने के साथ भागीदारी करने का सहयोग मांगा है। रेंटल पॉलिसी योजना के तहत 2022 तक सबके लिए आवास की व्यवस्था की योजना बनाई जा रही ।

केन्द्र सरकार शहरों में कराए पर रह रहे लोगों के लिए जल्द ही राष्ट्रीय किराया नीति का ऐलान करने बलि है। इस योजना  के तहत किराए के मकान में रहने के लिए मकान का किराया सरकार मुहैया कराएगी। केंद्र सरकार सबके लिए आवास योजना पर बहुत तेजी से काम कर रही है।

रेंटल पॉलिसी योजना 2020

इस बात को इस एक आंकड़े के साथ समझा जा सकता है कि 2022 तक सभी को घर मुहैया कराने के लिए केंद्र सरकार महज 22 महीनों में ही 17 लाख से ज्यादा घरों के निर्माण को मंजूरी दे चुकी है जबकि पिछली यूपीए सरकार ने 10 साल में भी इतने मकानों के निर्माण को मंजूरी नहीं दी थी।

बड़ी संख्या में शहरो की ओर हो रहे पलायन के चलते रहने की लिये आवास मुहैया कराना एक चुनौती बना हुआ है। ऐसे में सरकार जल्द ही नेशनल अर्बन रेंटल हाउसिंग पालिसी का एलान करेगी और इससे संबंधित बिल का मसौदा जल्द ही कैबिनेट में लाया जाएगा ।

दरअसल सरकार चाहती है कि किराये पर उठाने के लिये घर की आपूर्ति बढ़े जिससे बाहर से शहरो में आने वाले लोगो को किराये पर आवास पाने में दिक्कत न हो। इसके साथ ही शहरो में किराये के उद्देश्य के लिये आवास का निर्माण किया जाये जिससे लोगो को रहने के लिये किराये पर आसानी से घर मिल सके।

शहरी विकास मंत्री वेंकैया नाय़डू ने राज्यों से कहा है कि वो सभी को घर मुहैया कराने के लिए और तेज काम करें। उन्होंने ये भी कहा कि दिल्ली जैसे राज्य जहां आवास की समस्या है बावजूद इसके दिल्ली सरकार ने केन्द्र के साथ सभी के लिये आवास योजना के तहत साझा सहमति पत्र पर हस्ताक्षर नहीं किये हैं।

गौरतलब है कि मोदी सरकार 2022 तक सभी को आवास मुहैया कराना चाहती है इसके लिये राज्यों को साथ करार किया गया है। गरीबों और मध्यम वर्ग को घर कर्ज पर न केवल ब्याज छूट मुहैया करायी जा रही है बल्कि राज्य सरकारों और डेवलेपरों को तमाम सहूलियत भी दी जा रही है जिससे सभी को घर का सपना पूरा हो सके। इसके साथ ही राज्यों से ये भी कहा गया है कि जल्द से जल्द वो अपने यंहा रियल इस्टेट नियामक नियुक्ति करे जिससे घर खरीददारों को राहत मिल सके।

 रेंट टू ओन Rent to Own

इस नई पॉलिसी में किराएदार को मकान खरीदने के लिए बनाई नई स्कीम का नाम नाम ‘रेंट टू ओन’ है। इस स्कीम केन्द्र सरकार की नेशनल अर्बन रेंटल हाउसिंग पॉलिसी के तहत लॉन्च किया जाएगा। इसके लिए केंद्रीय शहरी विकास और आवास मंत्री वेंकैया नायडू ने गुरुवार को कहा कि इस ऐक्ट को मंजूरी के लिए जल्दी ही कैबिनेट के समक्ष पेश किया जाएगा।

इसके लिए सरकार निजी जमीन पर बने मकानों को खरीदने पर भी गरीब लोगों को 1.5 लाख रुपए की सब्सिडी देने पर विचार कर रही है। वेंकैया नायडू ने कहा कि अब तक हम 2008 शहरों और कस्बों में 17.73 लाख शहरी गरीबों के लिए आवासों को मंजूरी दे चुके हैं।

वहीं, वेंकैया नायडू ने कहा कि 2022 तक सबको घर के वादे को पूरा करने का लक्ष्य है। 2019 तक 15 राज्यों समेत केंद्र शासित प्रदेशों में इस लक्ष्य को हासिल कर लिया जाएगा। इसके बाद 2022 तक अन्य सभी राज्यों में इस टार्गेट को पूरा कर लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि ‘रेंट टु ओन’ ऐक्ट की अधिसूचना जारी किए जाने के बाद राज्य इस पर काम कर सकेंगे।

‘रेन्ट टू ओन’ स्कीम का लाभ

इस स्कीम के तहत शुरुआत में कुछ निश्चित वर्षों के लिए घर लीज पर दिया जाएगा। खरीददार को हरेक महिना ईएमआई के बराबर किराया बैंक में जमा करना होगा। इसमें कुछ किराये के तौर पर होगा और बाकी जमा होगा। खरीददार की ओर से जमा की गई ईएमआई की राशि जब 10 फीसदी के स्तर पर पहुंच जाएगी तब मकान उसके नाम पर रजिस्टर हो जाएगा। यदि लीज पर लेने वाला व्यक्ति रकम जमा नहीं कर पाता है तो सरकार इस मकान को दोबारा बेच देगी। इसके अलावा किराये के साथ जमा की जाने वाली राशि किरायेदार को बिना ब्याज के वापस लौटा दी जाएगी।

 

Official Website :-  http://mohua.gov.in/ 

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